Kuch Ankahi Si Poetry Collection by Sabeeha Jabeen
Kuch ankahi si / कुछ अनकही सी is a collection of unique and beautiful poetry / poem written by Sabeeha Jabeen.
Publication Year – 2019
Author – Sabeeha Jabeen
ISBN – 9789 935 361 9190
Published by – Lucknow Publication Nishatganj, Lucknow.
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Review for कुछ अनकही सी Poetry Collection by Sabeeha Jabeen
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Jindgi ke pahluon ko lafzo me piroti madhur sadabahar Kavita on ka sangam…… Keep writing and good goning
Gud book
लफ्ज़ो लफ्ज़ों की बयानी है ये
अल्फाज़ो में छुपी दर्द की कहानी है यह
हर्फ़ बा हर्फ़ पढ़कर तो देखिए जनाब
आपके आसपास की कहानी है यह।
इस काव्य संग्रह की शुरुआत कुछ ऐसी ही हुई है।
किन्तु नारी कविता ने ध्यान को आकर्षित किया है।
तुमने ही तय जन्म दिया था इन पुरुषों को
यही विच्छेदित करते है चरित्र तुम्हारा।
साहित्य में रुचि रखने वाले इन मर्मस्पर्शी पंक्तियों में भाव को समझ सकते है।
ऐसा नही की जी नारी के अबला स्वरूप को ही दिखाया गया है।
कोई न समझना डरती सहमति चिड़िया सी
आसमान में उड़ती निर्भीक बाज हु मैं।
सांवरे कान्हा मुजे माफ कर देना
जिद
लम्हो की खता कविताओं की पंक्तियों को देखिए
बेनियाज़ी भी देखो क्या हद है
नफरत भी उन्हें हमसे बेहद है
बस इतना ही नही कसक ने तो बशीर बद्र की याद दिला दी।
होंठ ने होंठ पे नाम लिखा था तेरा तू जख्म से है मेरे तन पर।कविता ग़ज़ल का एक अद्वितीय संगम
रिश्ते जिंदगी की उलझने सुलझाने के लिए एक सुलझी हुई पुस्तक । must read. All the best to author sabeeha Jabeen.
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